मंगलवार को लोकसभा में ‘एक देश – एक चुनाव’ के लिए 129वां संविधान संशोधन विधेयक पेश किया गया। इस महत्वपूर्ण बिल पर मतदान के दौरान भाजपा ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया था। इसके बावजूद, 20 भाजपा सांसद गैरहाजिर रहे, जिनमें छत्तीसगढ़ के दो सांसद भी शामिल हैं। अब पार्टी इन अनुपस्थित सांसदों को नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है।

क्या है मामला?

केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने दोपहर 12:10 बजे यह बिल पेश किया। विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया, जिसके बाद स्पीकर ओम बिड़ला ने इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग कराई। इस दौरान 369 सांसदों ने मतदान किया, जिसमें 220 वोट बिल के पक्ष में और 149 विपक्ष में पड़े।

विपक्ष की आपत्तियों के बाद फिर से पर्ची से मतदान कराया गया। इस बार 269 सांसदों ने बिल के पक्ष में और 198 ने विपक्ष में मतदान किया।

क्यों गैरहाजिर रहे सांसद?

दुर्ग सांसद विजय बघेल: विजय बघेल ने अनुपस्थिति का कारण अपनी खराब तबीयत बताया। उनका कहना है कि वह दवाइयां लेने गए थे और जब तक सदन पहुंचे, दरवाजा बंद हो चुका था।
रायगढ़ सांसद राधेश्याम राठिया: राधेश्याम राठिया मतदान के दिन दिल्ली में मौजूद ही नहीं थे। वह अपने क्षेत्र में किसी कार्यक्रम में व्यस्त थे और शाम को दिल्ली पहुंचे, जब तक मतदान खत्म हो चुका था।

गायब सांसदों पर सख्त रुख

भाजपा ने सदन से गायब रहे 20 सांसदों को लेकर सख्त रुख अपनाया है। पार्टी ने इन सभी को नोटिस भेजने की तैयारी की है, जिसमें उनकी अनुपस्थिति का कारण पूछा जाएगा।

चर्चा का विषय: क्या था मतदान का महत्व?

लोकसभा में पेश किया गया ‘एक देश, एक चुनाव’ बिल भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। भाजपा इसे एक बड़ा सुधार मानती है, वहीं विपक्ष ने इसे असंवैधानिक और अव्यवहारिक बताया। इस विधेयक को लेकर संसद में मतदान के समय 20 सांसदों की गैरमौजूदगी ने सत्ताधारी पार्टी की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं।

भाजपा के लिए संदेश

भाजपा के सख्त रुख से साफ है कि पार्टी संसद में सांसदों की जिम्मेदारी को लेकर कोई समझौता नहीं करना चाहती। इन गैरहाजिर सांसदों को अपनी अनुपस्थिति का ठोस कारण बताना होगा।

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