दिल्ली सरकार की मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना, जिसमें महिलाओं को हर महीने 1000 रुपये देने का वादा किया गया है, ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस योजना को महिलाओं के सशक्तिकरण की दिशा में बड़ा कदम बताया गया था, लेकिन अब वित्त विभाग ने इसे आर्थिक रूप से “रिस्की” करार दिया है।

क्या है योजना?

यह योजना उन महिलाओं को आर्थिक मदद देने के लिए बनाई गई है जिनकी सालाना पारिवारिक आय 3 लाख रुपये से कम है। अनुमान है कि करीब 10 लाख महिलाएं इसका लाभ उठा सकती हैं। इसके लिए 4,560 करोड़ रुपये का बजट प्रस्तावित किया गया है।

फायदे या नुकसान?

फायदे:
योजना का उद्देश्य महिलाओं की आर्थिक स्थिति सुधारना और उन्हें फैसले लेने में सक्षम बनाना है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, और झारखंड जैसे राज्यों में भी ऐसी योजनाएं चलाई जा रही हैं।
नुकसान:
वित्त विभाग का कहना है कि इस योजना से सरकारी सब्सिडी का बोझ 15% से बढ़कर 20% हो जाएगा। इसके अलावा, यह योजना लागू करने के लिए कर्ज लेना पड़ेगा, जो वित्तीय रूप से जोखिम भरा है।

वित्त विभाग की चेतावनी

वित्त विभाग ने 6 दिसंबर को अपनी सिफारिशें देते हुए कहा कि इतने बड़े खर्च से दिल्ली सरकार पर आर्थिक दबाव बढ़ सकता है। उन्होंने यह भी आशंका जताई कि इस योजना से महिलाओं की कामकाजी हिस्सेदारी पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।

मुख्यमंत्री अतिशी का रुख

मुख्यमंत्री अतिशी ने इस मुद्दे पर संयम बरतने का निर्देश दिया है। उन्होंने फाइनेंस और प्लानिंग विभाग से कहा है कि योजना के फायदे-नुकसान पर पूरी तरह विचार करके ही फैसला लें।

क्या महिलाओं को मिलेगा फायदा?

कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि 1000 रुपये की राशि से महिलाओं की जिंदगी में बड़ा बदलाव आना मुश्किल है। इसके अलावा, यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि क्या इस भत्ते से महिलाएं रोजगार की तलाश में कम रुचि दिखा सकती हैं।

क्या होगा आगे?

योजना पर अभी विचार-विमर्श चल रहा है। इसे लागू करना एक बड़ा राजनीतिक और आर्थिक फैसला होगा। क्या यह महिलाओं को सशक्त बनाएगी, या सरकार पर आर्थिक बोझ बढ़ाएगी?

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